Read It With Emotions.....
बदलते दौर अब अछे लगते है ,
कुछ लोग दूर हो कर भी करीब लगते है ,
खुदा से पूछा मेने के ऐसा क्यों है,
कहा उसने, इंसान होने का बस यही सुकून है,
क्या समझता है तू के मैं तेरे साथ नहीं,
अरे पागल तू ही तो मेरा शरीर तुही तो मेरी रूह है,
पूछा मैने उससे क्यों हर कोई मुझसे दूर हो जाता है,
कभी कोई दिल को भा जाये तो क्या करू मैं,
आखिर क्यों मेरा दिल हर बार युही चूर चूर हो जाता है,
समझाया उसने मुझको सिर्फ एक ही बात से,
सुनो तुम्हे भी सुनाता हु अपने अंदाज़ से,
दिल कि लगी को जिंदगी मत समझना,
बेरुखी को कभी बेवफाई मत समझना,
जो तुमसे दूर है वही तो तुम्हारे पास है,
तुम्हारे दिल में धड़कन में, हमेशा तुम्हारे साथ है,
मोहबत कोई पाबन्दी, कोई सजा नहीं बनायीं खुदा ने,
ये तो दिल ही दिल में बसने वाला एक प्यारा सा एहसास है,
मैं बोला, दर्द देता है मुझको,
बहुत तड़पता है ये एहसास,
क्या करू ऐ खुदा तू ही बता,
बहुत याद आता है दिलदार,
हॅसते हुए बोला वो, सुन रे मेरे भोले से इंसान,
ओह पागल सी मेरी नन्ही जान,
देख ज़रा अपने चारो ओर, हर वादी हर नज़ारे में,
दिन में सूरज में, रात हो तो चाँद तारो में,
हर जगह मेने तुझे तेरा दिलदार ही तो दिया है,
तुझे हर वक़्त खुश रहने का अधिकार ही तो दिया है,
क्यों सोचता है के तेरी फिकर नहीं है मझको,
मै तो हर वक़्त साथ हू तेरे इसका इल्म नहीं है तुझको,
एक बार मोहबत को समझ कर तो देख,
इसकी अदाओ को दिल में बसाकर तो देख,
ये तो ताक़त हा जिंदगी तो अपने रंगो से सजाने की ,
कोई सजा नहीं है जिंदगी तो युही गवाने की,
मोहबत तो बस एहसास है एक प्यारा सा,
दवा हा दुआ है ये इंसान को इंसान बनाने की,
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